A Church is not a temple for saints, but rather a Hospital for sinners.

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Monday, November 29, 2010

MEANING OF GOD's LOVE

                                 परमेश्वर के सच्चे प्रेम का अर्थ
जो कि सिर्फ बाईबल मे पाया जाता है :-
"परमेश्वर ने जगत ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया कि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो परन्तु अनन्त जीवन पाये।"

"पानी की बाढ़ से भी प्रेम नहीं बुझ सकता, और न महानदों से डूब सकता है। यदि कोई अपने घर की सारी सम्पत्ती प्रेम की सन्ती दे दे तौभी वह अत्यन्त तुच्छ ठहरेगी।।"
 "मुझे नगीने की नाईं अपने हदय पर लगा रख, और ताबीज की नाई अपनी बांह पर रख; क्योंकि प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है, और ईर्षा कब्र के समान निर्दयी है। उसकी ज्वाला अग्नि की दमक है वरन परमेश्वर ही की ज्वाला है।"



                   -:MEANING OF LOVE :-

1 यदि मैं मनुष्यों, और स्वर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं।
2 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं।
3 और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं।
 


4    प्रेम धीरजवन्त है, और     कृपाल है;    प्रेम डाह नहीं करता;    प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता,    और फूलता नहीं
5   वह अनरीति नहीं चलता,    वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं,    बुरा नहीं मानता।
6 कुकर्म से आनन्दित नहीं होता,    परन्तु सत्य से आनन्दित होता है।
7 वह सब बातें सह लेता है,  सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।
 


8 प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा।
 


9 क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी।
10 परन्तु जब सर्वसिद्ध आएगा, तो अधूरा मिट जाएगा।
11 जब मैं बालक था, तो मैं बालकों की नाईं बोलता था, बालकों का सा मन था बालकों की सी समझ थी; परन्तु सियाना हो गया, तो बालकों की बातें छोड़ दी।
12 अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; परन्तु उस समय आमने साम्हने देखेंगे, इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है; परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं।
13 पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।


 


Saturday, November 27, 2010

MIRACLES - Determined Cripple

कि अन्धे देखते हैं और लंगड़े चलते फिरते हैं; कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहिरे सुनते हैं, मुर्दे जिलाए जाते हैं; और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।"


Friday, November 26, 2010

(Blessing_or_curse) part 2 curse

                                                   

                          शाप  या अभिशाप

"परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालने में जो मैं आज सुनाता हूं चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब शाप तुझ पर आ पड़ेंगे।"

"अर्थात् शापित हो तू नगर में, शापित हो तू खेत में।"

"शापित हो तेरी टोकरी और तेरी कठौती।"

"शापित हो तेरी सन्तान, और भूमि की उपज, और गायों और भेड़-बकरियों के बच्चे।"

"शापित हो तू भीतर आते समय, और शापित हो तू बाहर जाते समय।"

"फिर जिस जिस काम में तू हाथ लगाए, उस में यहोवा तब तक तुझ को शाप देता, और भयातुरं करता, और धमकी देता रहेगा, जब तक तू मिट न जाए, और शीघ्र नष्ट न हो जाए; यह इस कारण होगा कि तू यहोवा को त्यागकर दुष्ट काम करेगा।"

"और यहोवा ऐसा करेगा कि मरी तुझ में फैलकर उस समय तक लगी रहेगी, जब तक जिस भूमि के अधिकारी होने के लिये तू जा रहा है उस से तेरा अन्त न हो जाए।"

"यहोवा तुझ को क्षयरोग से, और ज्वर, और दाह, और बड़ी जलन से, और तलवार से, और झुलस, और गेरूई से मारेगा; और ये उस समय तक तेरा पीछा किये रहेंगे, तब तक तू सत्यानाश न हो जाए।"

"और तेरे सिर के उूपर आकाश पीतल का, और तेरे पांव के तले भूमि लोहे की हो जाएगी।"

"यहोवा तेरे देश में पानी के बदले बालू और धूलि बरसाएगा; वह आकाश से तुझ पर यहां तक बरसेगी कि तू सत्यानाश हो जाएगा।"

"यहोवा तुझ को शत्रुओं से हरवाएगा; और तू एक मार्ग से उनका साम्हना करने को जाएगा, परन्तु सात मार्ग से होकर उनके साम्हने से भाग जाएगा; और पृथ्वी के सब राज्यों में मारा मारा फिरेगा।"

"और तेरी लोथ आकाश के भांति भांति के पक्षियों, और धरती के पशुओं का आहार होगी; और उनका कोई हांकनेवाला न होगा।"

"यहोवा तुझ को मिस्र के से फोड़े, और बवासीर, और दाद, और खुजली से ऐसा पीड़ित करेगा, कि तू चंगा न हो सकेगा।"

"यहोवा तुझे पागल और अन्धा कर देगा, और तेरे मन को अत्यन्त घबरा देगा;"

"और जैसे अन्धा अन्धियारे में टटोलता है वैसे ही तू दिन दुपहरी में टटोलता फिरेगा, और तेरे काम काज सुफल न होंगे; और तू सदैव केवल अन्धेर सहता और लुटता ही रहेगा, और तेरा कोई छुड़ानेवाला न होगा।"

"तू स्त्राी से ब्याह की बात लगाएगा, परन्तु दूसरा पुरूष उसको भ्रष्ट करेगा; घर तू बनाएगा, परन्तु उस में बसने न पाएगा; दाख की बारी तू लगाएगा, परन्तु उसके फल खाने न पाएगा।"

"तेरा बैल तेरी आंखों के साम्हने मारा जाएगा, और तू उसका मांस खाने न पाएगा; तेरा गदहा तेरी आंख के साम्हने लूट में चला जाएगा, और तुझे फिर न मिलेगा; तेरी भेड़-बकरियां तेरे शत्राुओं के हाथ लग जाएंगी, और तेरी ओर से उनका कोई छुडानेवाला न होगा।"

"तेरे बेटे-बेटियां दूसरे देश के लोगों के हाथ लग जाएंगे, और उनके लिये चाव से देखते देखते तेरी आंखे रह जाएंगी; और तेरा कुछ बस न चलेगा।"

"तेरी भूमि की उपज और तेरी सारी कमाई एक अनजाने देश के लोगे खा जाएंगे; और सर्वदा तू केवल अन्धेर सहता और पीसा जाता रहेगा;"

"यहां तक कि तू उन बातों के कारण जो अपनी आंखों से देखेगा पागल हो जाएगा।"

"यहोवा तेरे घुटनों और टांगों में, वरन नख से शिख तक भी असाध्य फोड़े निकालकर तुझ को पीड़ित करेगा।"

"यहोवा तुझ को उस राजा समेत, जिस को तू अपने उूपर ठहराएगा, तेरी और तेरे पूर्वजों से अनजानी एक जाति के बीच पहुंचाएगा; और उसके मध्य में रहकर तू काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना और पूजा करेगा।"

"और उन सब जातियों में जिनके मध्य में यहोवा तुझ को पहुंचाएगा, वहां के लोगों के लिये तू चकित होने का, और दृष्टान्त और शाप का कारण समझा जाएगा।"

"तू खेत में बीज तो बहुत सा ले जाएगा, परन्तु उपज थोड़ी ही बटोरेगा; क्योंकि टिड्डियां उसे खा जाएंगी।"

"तू दाख की बारियां लगाकर उन मे काम तो करेगा, परन्तु उनकी दाख का मधु पीने न पाएगा, वरन फल भी तोड़ने न पाएगा; क्योंकि कीड़े उनको खा जाएंगे।"

"तेरे सारे देश में जलपाई के वृक्ष तो होंगे, परन्तु उनका तेल तू अपने शरीर में लगाने न पाएगा; क्योंकि वे झड़ जाएंगे।"

"तेरे बेटे-बेटियां तो उत्पन्न होंगे, परन्तु तेरे रहेंगे नहीं; क्योंकि वे बन्धुवाई में चले जाएंगे।"

"तेरे सब वृक्ष और तेरी भूमि की उपज टिड्डियां खा जाएंगी।"

"जो परदेशी तेरे मध्य में रहेगा वह तुझ से बढ़ता जाएगा; और तू आप घटता चला जाएगा।"

"वह तुझ को उधार देगा, परन्तु तू उसको उधार न दे सकेगा; वह तो सिर और तू पूंछ ठहरेगा।"

"तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की दी हुई आज्ञाओं और विधियों के मानने को उसकी न सुनेगा, इस कारण ये सब शाप तुझ पर आ पड़ेंगे, और तेरे पीछे पड़े रहेंगे, और तुझ को पकड़ेंगे, और अन्त में तू नष्ट हो जाएगा।"


"और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिन्ह और चमत्कार ठहरेंगे;"

"तू जो सब पदार्थ की बहुतायत होने पर भी आनन्द और प्रसन्नता के साथ अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा नहीं करेगा,"

"इस कारण तुझ को भूखा, प्यासा, नंगा, और सब पदार्थों से रहित होकर अपने उन शत्राुओं की सेवा करनी पड़ेगी जिन्हें यहोवा तेरे विरूद्ध भेजेगा; और जब तक तू नष्ट न हो जाए तब तक वह तेरी गर्दन पर लेहे का जूआ डाल रखेगा।"




 

(Blessing_or_curse) part 1 Blessing

                               परमेश्वर की  आशीष
                       जो कि सिर्फ बाइबल मे पायी जाती है


          परमेश्वर सारे श्राप के बन्धन तोड़ देगा और स्वर्ग के झरोखे खोल कर अपरम्पार आशीषों    की   बारिश करेगा


"यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएं, जो मैं आज तुझे सुनाता हूं, चौकसी से पूरी करने का चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ठ करेगा।"

"फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आर्शीवाद तुझ पर पूरे होंगे।"

"धन्य हो तू नगर में, धन्य हो तू खेत में।"

"धन्य हो तेरी सन्तान, और तेरी भूमि की उपज, और गाय और भेड़-बकरी आदि पशुओं के बच्चे।"

"धन्य हो तेरी टोकरी और तेरी कठौती।"

"धन्य हो तू भीतर आते समय, और धन्य हो तू बाहर जाते समय।"

"यहोवा ऐसा करेगा कि तेरे शत्राु जो तुझ पर चढ़ाई करेंगे वे तुझ से हार जाएंगे; वे एक मार्ग से तुझ पर चढ़ाई करेंगे, परन्तु तेरे साम्हने से सात मार्ग से होकर भाग जाएंगे।"

"तेरे खत्तों पर और जितने कामों में तू हाथ लगाएगा उन सभों पर यहोवा आशीष देगा; इसलिये जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उस में वह तुझे आशीष देगा।"

"यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते हुए उसके मार्गों पर चले, तो वह अपनी शपथ के अनुसार तुझै अपनी पवित्रा प्रजा करके स्थिर रखेगा।"

"और पृथ्वी के देश देश के सब लोग यह देखकर, कि तू यहोवा का कहलाता है, तुझ से डर जाएंगे।"

"और जिस देश के विषय यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर तुझे देने को कहा, था उस में वह तेरी सन्तान की, और भूमि की उपज की, और पशुओं की बढ़ती करके तेरी भलाई करेगा।"

"यहोवा तेरे लिये अपने आकाशरूपी उत्तम भण्डार को खोलकर तेरी भूमि पर समय पर मेंह बरसाया करेगा, और तेरे सारे कामों पर आशीष देगा; और तू बहुतेरी जातियों को उधार देगा, परन्तु किसी से तुझे उधार लेना न पड़ेगा।"

"और यहोवा तुझ को पुंछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु उूपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे; "


"और जिन वचनों की मैं आज तुझे आज्ञा देता हूं उन में से किसी से दहिने वा बाएं मुड़के पराये देवताओं के पीछे न हो ले, और न उनकी सेवा करे।।"
Deuteronomy 28:1........14

TONGUE

                                                  नरक कुंड की आग 

"जब हम अपने वश में करने के लिये घोड़ों के मुंह में लगाम लगाते हैं,   तो हम उन की सारी देह को भी फेर सकते हैं।"
"देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचंड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्छा के अनुसार घुमाए जाते हैं।"
 

"वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती हैः       देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है।"
"जीभ भी एक आग हैः जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुंड की आग से जलती रहती है"
"क्योंकि हर प्रकार के बन-पशु, पक्षी, और रेंगनेवाले जन्तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं।"
 
"पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रूकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है।
इसी से हम प्रभु और पिता की स्तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्वरूप में उत्पन्न हुए हैं श्राप देते हैं।"
 
            "एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
                     हे मेरे भाइयों, ऐसा नही होना चाहिए।"
 
"क्या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलता है? हे मेरे भाइयों, क्या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।।"


    Matthew 12:34----37
 "तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।"
 

"भला, मनुष्य मन के भले भंडार से भली बातें निकालता है; और     बुरा मनुष्य बुरे भंडार से बुरी बातें निकालता है।"
 

"और मै तुम से कहता हूं, कि जो जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे।"
 

"क्योंकि तू अपनी बातों के कारण निर्दोष और अपनी बातों ही के कारण दोषी ठहराया जाएगा।।"




                       एक परिवर्तित जीभ के विशेष गुण :-      आज भी प्रभु अपने पवित्र आत्मा को हमारे मनों को अपने प्रेम से भरने के लिये भेजता है। जब हमारे ह्रदय इस प्रेम के द्वारा स्पर्श किये जाते हैं तब हमारी जीभें भी ऐसी जीभों मे परिवर्तित हो जाती हैं जो दूसरो को ईश्वरीय आशीषें मुफत में देती हैं।  
(1) कार्य में परिवर्तन

पवित्र आत्मा से भरे जाने के एक अनुभव के पश्चात् स्वाभविक जीभ जो अभी तक साधारण बातों के फैलाने में उपयोग मे लाई गयी थी अब ईश्वरीय कार्या में तल्लीन हो जाती है।
   
  यह प्रभु के सामने विनतियां एवं निवेदन संलग्न हो जाती है(भजन संहिता 39:3)
 
पूरे दिन यह उसकी धार्मिकता का बखान करती और उसकी स्तुती करती है(भजन संहिता35:28)

सब समय यह उसके वचन बोलती - इसे विस्तार से समझाती है (भजन संहिता119:172)

सत्य का वचन सदैव इसके साथ बना रहेगा (भजन संहिता119:43)।
प्रभु का अभिषेक प्राप्त सेवक दाउद ठीक ऐसे ही अनुभव का निम्न रुप से बताता है:-

’’यहोवा का आत्मा मुझ मे होकर बोला, और उसी का वचन मेरी जीभ पर था।’’ 2शमुएल 23:2

क्या हमारे दयालू प्रभु यीशू की जीभ ने जो कल्पना से बाहर पवित्र आत्मा से भरा था जैसा कि प्रेरितो के काम 10:38; तथा यहुन्ना 3:34 मे लिखा है केवल कृपालु वच नही न बोले थे? लूका 4:22)
(2)सामर्थ में बदलाव

एक दिव्य अनुभव के बाद, समान्य-सरल लोंगों की जीभें भी उनमें जो विद्वान हैं, में परिवर्तित हो जाती हैं।इसी कारण, प्रेरित पौलुस, जबकि वह अपनी सामर्थ के विषय में बता रहा थे, कहते है, ‘‘हम उनके मध्य बुद्धी की बातें बोलते हैं जो कि परिपक्व हैं’’ (1कुरि0 2:6)।
यह एक अधिकारिक जीभ के रुप में बदल जाती है (यशायाह 54:17)।
परमेश्वर का पुत्र, यीशू भी ‘एक अधिकार प्राप्त’ के रुप मे बोला था और जिन लोंगों ने उसकी बातें सुनी वे चकित थे,जैसा कि मत्ती 7:28,29 में लिखा है।

(3) दिखाई देने मे बदलाव

एक परिवर्तित
जीभ को वर्णन करने के लिये पवित्र शास्त्र मे अति उत्तम शीर्षक दिये गये हैं।
सर्वोत्तम चान्दी (नीतिवचन 10:20)
स्वास्थ्यवर्धक दवा
(नीतिवचन12:18)
जीवन का वृक्ष (नीतिवचन15:4)
कोमल वचन हड्डी को भी तोड़ देता है (नीतिवचन 25:15)
'अनजानी जीभें' या 'नई जीभें' केवल उन जीभों पर उतरती हैं जो पूर्ण रुप से पवित्र आत्मा की सामर्थ से परिवर्तित की जा चुकी हैं- जो उनके परिवर्तित अनुभव का चिन्ह है।