A Church is not a temple for saints, but rather a Hospital for sinners.

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Tuesday, March 1, 2011

2011 की भारत के लिये भविष्यद्वाणी

                    2011 की भारत के लिये भविष्यद्वाणी
1 जनवरी 2011 को पॉल दीनाकरण द्वारा प्रकाशित की गयी भविष्यद्वाणी को हम नीचे प्रस्तुत करते हैं:-


                                                   भारत के लिये
(1)  यहां सभी संप्रदायो के लोंगों के बीच में उम्र और आर्थिक बातों से परे पश्चाताप की लहर उठेगी और उन्हे उनके दुष्टता के मार्ग से फेरेगी। पवित्रीकरण समाज के सभी स्तर मे आयेगा। देश में परमेश्वर का भय छा जायेगा। परमेश्वर किसी के भी कल्पना और समझ से बढ़कर इस देश को पवित्र करने हेतु अद्भुत कार्यों को करेगा। परमेश्वर ने कहा है, ‘‘मै तो सब प्राणियों का परमेश्वर यहोवा हूं; क्या मेरे लिये कोई भी कार्य कठिन है’’

(2) उन लोंगों के मन मे एक नवीकरण आयेगा और जो दुष्टता की आत्मा का अभ्यास लोंगों के परिवारों का नाश करने के लिये करते हैं। यह पवित्र आत्मा की सामर्थ के द्वारा बंन्द किया जायेगा। ऐसे दुष्ट लोंगों के मन भी छुटकारा को प्रप्त करेगें और परिवार मजबूत होंगें।

(3)(अ) यह साल देशों, परिवारों, संस्थाओं, और समाजों के बीच एक शांति का साल होगा। भारत में लोग एक दूसरे के साथ शांति स्थापित करेंगें। परमेश्वर कहता है ‘‘मेरा काम’’ लोगों के दिलों को जोड़ना और सभी मानव जाति के बीच में शांति स्थापित करना होगा ताकि वे अपने आम शत्रु जैसे रोग, लालच, अलगाव की पीड़ा से लड़ सके।

         राष्ट्रों, परिवारों,संस्थानों एवं समाजों के बीच शांतिशील समझौता होगा। परमेश्वर परिवारों मे शांति स्थापित करेगा। अद्भुत रीति से वह पिताओं के ह्रदयों को उनके बच्चों के प्रति और बच्चों के ह्रदयों को उनके पिताओं के प्रति फेरेगा।

(आ) लोग आपस में शांति को बनायें रखें, जहां पर इनके साधारण शत्रु जैसे बीमारी, लालच, वियोग की पीड़ा, आदि लोंगों को शांति दे।
युवा परमेश्वर की महिमा से भर जायेंगें और अपने माता पिता और बड़ों की देखभाल के प्रति अपने मनों को फेरेगें।परमेश्वर इसके द्वारा आनंदित होगा उसकी शांति पूरे देश में बिना किसी सेवा के फैल जायेगी (भजन संहिता 144:14) । तब परमेश्वर अपनी सभी प्रतिज्ञाओं को पूरा करेगा और लोग अपनी वाचाओं को पूरा करेंगें।

(4) परमेश्वर अपनी धार्मिकता की सुखद बारिश को भारत के उूपर बरसायेगा।
भारत के प्रमुख लोग प्रभु मे सांत्वना और शांति को प्राप्त करेंगें। परमेश्वर का नाम प्रमुख लोंगें के उपर होगा और वह उनके प्रति अपना न्याय दिखाते हुऐ उन्हे प्रतिफल देगा।

(5) परमेश्वर उनके प्रति अनुग्रहकारी होगा जो अनुग्रहकारी हैं। कभी परमेश्वर ने अपने लोंगों को नही त्यागा और वह उन लोंगों को जिन्होने सभों के सामने उसके नाम की घोषणा किये हैं, उूचा उठायेगा, इसकी प्रतिज्ञा वह आज करता है।

                                                              भारत - लौकिक

1. परमेश्वर, जिन्होने लोंगों के सामने उसके नाम की घोषणा की है, उनके साथ और उनके परिवारों के साथ बना रहेगा ताकि उनके द्वारा अपनी इच्छा को भारत मे दृढ़ करे।
2. भारत के उन क्षेत्रों मे जहां आज तक विदेशी निवेश बंद था, वहां पर विदेशी निवेश के आगमन के लिये मार्ग खोला जायेगा, जो भारत को उूचाई तक पहुंचायेगा। भारत के निवेश विश्व के प्रमुख देशों मे फैल जायेगा। वहां पर इन विदेशी निवेशों के द्वारा भारत से सुसमाचार पहुंचेगा।
3. भारत दुनिया के कई भागों के लिये दुनियाबी सेवाओं और प्रोद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिये दूरसंचार के एक दिग्गज कंपनी के रुप मे आगे बढ़ेगा। यह भारत द्वारा अन्य देशों मे सुसमाचार प्रचार हेतु मददगार साबित होगा।

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